Goat and Poultry farming subsidy: भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मुर्गी पालन और बकरी पालन एक बड़ा स्वरोजगार का साधन बनता जा रहा है। सरकार भी इन पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की सब्सिडी और योजनाएं उपलब्ध करवा रही है, जिससे गांवों में रोजगार बढ़े और किसान आत्मनिर्भर बन सकें।
Goat and Poultry farming subsidy
बकरी पालन में मिलने वाली सब्सिडी
Goat Farming Subsidy in India योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न श्रेणियों के किसानों को 25% से 60% तक सब्सिडी देती हैं। विशेष रूप से SC/ST वर्ग के किसानों को अधिक सहायता मिलती है।
- NABARD (नाबार्ड) द्वारा भी बकरी पालन हेतु लोन और सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है।
- 10 से 20 बकरियों के यूनिट पर लोन आसानी से मिलता है, जिसकी 30% राशि सब्सिडी के रूप में माफ हो सकती है।
मुर्गी पालन में मिलने वाली सब्सिडी
Poultry Farming Subsidy in India योजना खासकर छोटे किसानों और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए बढ़ावा देती है।
- लेयर (अंडा देने वाली) और ब्रॉयलर (मांस देने वाली) दोनों प्रकार के यूनिट्स पर सब्सिडी उपलब्ध है।
- सरकार 25% से 33% तक सब्सिडी देती है, जिसमें SC/ST को प्राथमिकता दी जाती है।
- National Livestock Mission (NLM) और Rural Backyard Poultry Scheme के अंतर्गत आर्थिक सहायता मिलती है।
इन व्यवसायों से लाभ कैसे कमाएं?
- बकरी का दूध, मांस और गोबर तीनों से आय होती है।
- मुर्गी पालन में अंडे और मांस दोनों का व्यापार लाभदायक है।
- दोनों व्यवसायों में लागत कम और मुनाफा अधिक होता है।
- गांव या छोटे शहरों में बाज़ार आसानी से बन जाता है।
निष्कर्ष:
यदि आप भी कम पूंजी में स्वरोजगार शुरू करना चाहते हैं, तो Goat and Poultry farming subsidy in India स्कीम के तहत आवेदन करें और सरकारी सहायता का लाभ उठाएं। यह व्यवसाय न सिर्फ आत्मनिर्भरता की ओर ले जाता है, बल्कि समाज में आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम भी बनता है।